कनेर के औषधीय गुण: फायदे, उपयोग और सावधानियाँ

 



🌼 कनेर (Kaner) के औषधीय गुण – एक प्राकृतिक उपचार का खजाना

भारतीय आयुर्वेद में कनेर (Kaner) का विशेष स्थान है। सुंदर फूलों वाला यह पौधा न केवल बागवानी के लिए आकर्षक है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी अद्भुत हैं। कनेर मुख्यतः तीन प्रकार का होता है – सफेद, पीला और लाल। आइए जानते हैं कनेर के कुछ प्रमुख औषधीय लाभ:

🌿 1. त्वचा रोगों में लाभकारी

कनेर की छाल और पत्तियों का उपयोग त्वचा के संक्रमण, खुजली और फोड़े-फुंसियों में किया जाता है। इसका लेप लगाने से घाव जल्दी भरते हैं।

🌿 2. कीटाणुनाशक गुण

कनेर में शक्तिशाली जीवाणु और फफूंदनाशक गुण होते हैं। इसका उपयोग संक्रमित घावों को साफ करने में किया जा सकता है।

🌿 3. गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत

कनेर के पत्तों का तेल जोड़ों पर लगाने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। यह प्राकृतिक दर्दनाशक का काम करता है।

🌿 4. दंत रोगों में उपयोगी

कनेर की छाल का काढ़ा बनाकर गरारे करने से दांतों और मसूड़ों की सूजन में आराम मिलता है।

🌿 5. बुखार और मलेरिया में सहायक

कुछ परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों में कनेर की जड़ों का उपयोग मलेरिया और बुखार की प्रारंभिक अवस्था में किया जाता है। हालांकि, इसका उपयोग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।


⚠️ सावधानी:
कनेर विषैला पौधा है। इसका सेवन या औषधीय उपयोग केवल आयुर्वेदिक चिकित्सक या जानकार वैद्य की सलाह पर ही करना चाहिए। विशेषकर इसकी जड़ें और दूध (latex) अत्यधिक जहरीले होते हैं।

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