अधिक प्यास लगना : डायबिटिक्स के लोगों को अक्सर बहुत ज्यादा प्यास लगती है। यह इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और शरीर को और अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
अत्यधिक मूत्रण: डायबिटिक्स के लोग अक्सर बार-बार मूत्र करते हैं। यह भी इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर अधिक होता है और यह गुर्दे के माध्यम से बाहर निकलता है।
वजन कम होना: कुछ डायबिटिक्स के लोग अचानक से वजन कम करने लगते हैं, बिना किसी कारण या डाइट बदलाव के। यह उनके शरीर में ग्लूकोज के अधिक उपयोग का परिणाम होता है।
कमजोरी और थकान : डायबिटिक्स के लोग अक्सर थकान महसूस करते हैं और उन्हें काम करने में कमजोरी आती है। यह उनके शरीर में ग्लूकोज का सही उपयोग नहीं होने के कारण होता है।
ब्लड प्रेशर या ह्रदय संबंधित समस्याएं : डायबिटीज के चलते आपके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है, जिससे आपके लिए ह्रदय संबंधित समस्याएं जैसे कि हार्ट अटैक और हार्ट डिजीज जैसे खतरनाक स्थितियाँ बढ़ सकती हैं।
सिर में दर्द - सिर में लंबे समय तक हल्का-हल्का दर्द बना रहना भी एक संकेत होता है कि ब्लड शुगर का स्तर बढ़ गया है। यह दर्द कई घंटों या दिनों तक निरंतर बना रह सकता है और फिर अचानक से ठीक हो जाता है।
धुंधला दिखना - अगर व्यक्ति का ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा हुआ होता है तो उसे धुंधला दिखाई देने लगता है।
हाथ-पैर में दिक्कत होना: डायबिटीज के कारण हाथों और पैरों में दर्द, सूजन, या दिक्कतें हो सकती हैं, जिसे 'डायबेटिक न्यूरोपैथी' कहा जाता है।
अधिक भूख लगना: शुगर के मरीजों में अक्सर अधिक भूख लगने की समस्या होती है, जिसे 'पॉलीफैजिया' कहा जाता है।
मुंह सूखना: डायबिटीज के मरीजों में मुंह में सूखापन और मुँह के कटने की समस्या हो सकती है।
सांसें उखड़ना: शुगर के मरीजों को साँस की समस्याएं हो सकती हैं, यदि कोई व्यक्ति जल्दी - जल्दी साँस लेता है तो इसका अर्थ होता है की उसका ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है।
पेट दर्द की समस्या: शुगर के मरीजों में पेट में दर्द या पेट की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अपच या गैस की समस्याएं।
चोट लगने पर घाव जल्दी न भरना : डायबिटीज के मरीजों को छोटी चोट या फुंसी में जलन और सूजन की समस्या हो सकती है।
त्वचा से जुड़ी समस्याएं: शुगर के मरीजों में त्वचा समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि खुजली, सूजन, या सूखापन।
इंफेक्शन होना: शुगर के मरीजों में इंफेक्शन के जोखिम बढ़ सकते हैं, जैसे कि ज्यादा सांस की समस्याएं, पेट की समस्याएं, या त्वचा समस्याएं।
यदि किसी व्यक्ति में ये सभी लक्षण दिखाई देते है तो उसे तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए, वैसे तो शुगर एक सामान्य रोग है परन्तु उचित समय पर इलाज न करवाने पर स्थिति खराब हो सकती है।
Best scheme for girls is sukanya samrddhi scheme
जवाब देंहटाएं