🌿 कंचनार के 7 प्रमुख औषधीय गुण – जानिए इसके उपयोग और लाभ
🌼 कंचनार क्या है?
कंचनार (Bauhinia variegata) एक सुंदर फूलों वाला पेड़ है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है। इसके फूल, पत्ते, छाल और बीज सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसे उत्तराखंड के कुछ इलाकों में क्वैराल के नाम से भी जाना जाता है , इसका उपयोग ज्यादातर सब्जी और रायते के रूप में किया जाता है। यह विशेष रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रयोग होता है।
🌿 कंचनार के औषधीय गुण
1. थायरॉइड नियंत्रण में सहायक
कंचनार गुग्गुल आयुर्वेद में थायरॉइड ग्रंथि को संतुलित करने के लिए प्रयोग होता है। यह हाइपोथायरॉइडिज्म में बहुत फायदेमंद माना जाता है।
2. गांठ व ट्यूमर में उपयोगी
कंचनार की छाल और फूलों का काढ़ा ग्रंथि संबंधी रोगों जैसे ट्यूमर और गांठों में लाभकारी है।
3. रक्त शुद्ध करने वाला
यह खून को शुद्ध करता है और त्वचा रोगों जैसे फोड़े-फुंसी, खुजली, एक्जिमा में उपयोगी है।
4. पाचन तंत्र को सुधारता है
कंचनार अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।
5. महिलाओं के लिए विशेष लाभदायक
ल्यूकोरिया, अनियमित मासिक धर्म और गर्भाशय की सूजन में लाभदायक।
6. घाव और सूजन में असरदार
छाल का लेप घाव और सूजन में राहत देता है।
7. डिटॉक्सिफाइंग गुण
शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त करने में सहायक है।
🥣 कंचनार का उपयोग कैसे करें? (How to Use Kanchanar)
उपयोग का तरीका | लाभ |
---|---|
काढ़ा (छाल/फूल से) | ट्यूमर, सूजन, थायरॉइड के लिए |
कंचनार गुग्गुल टैबलेट | थायरॉइड, गांठ, महिला रोगों के लिए |
फूलों की सब्जी और रायता | पौष्टिक और पाचन के लिए फायदेमंद |
⚠️ ध्यान दें: किसी भी औषधीय प्रयोग से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लें।